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रमेश बोहरा
राष्ट्रीय अध्यक्ष
राष्ट्रीय जनादेश प्रमोशन काउंसिल
प्यारे साथियों, सादर नमस्ते,
आज संसार का प्रत्येक प्राणी आंतरिक हिंसा, अराजकता, अशांति और असमानता के बीच अपना नीरस जीवन जी रहा है,
और इनका कारण है संस्कार हीन राजनीति, पद लोलुपता, धर्मान्धता, एक दूसरे की संस्कृति को खत्म करने की दोड़, एसे अराजक माहौल और नाजुक वक़्त में मानवता को बचाना, और ये तभी सम्भव होगा जब देश और दुनिया को संक्रमण राजनीति, अर्थव्यवस्था, संस्कृति के मूल्यों-मान्यताओं में आमूल चूल परिवर्तन हों, एहसास सभी को हे परिवर्तन भी हर कोई चाहता है, एसे प्रयोग भी हो रहे हैं, प्रयोग भी सही दिशा में हो सकते है लेकिन फल की प्राप्ति और मानवता का कल्याण नजरों से ओझल है, सारे विश्व को एक परिवार मानते हुए भारतीय राजनीतिक चेतना ही इन राजनीतिक विकारों का उपचार करने में सक्षम है, सनातन लोकतंत्र भारतीय राजनीति का स्तंभ है और वही राजनीतिक संस्कृति, शिक्षा, स्वास्थ्य और नेतृत्व में अविस्मरणीय योगदान देने मैं परिपक्व हो सकती है, देश के सम्मानित युवाओं को आगे आना होगा और उच्च स्तरीय राजनीतिक निपुणता की पहचान को देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को शान्ति, सद्भाव की स्थिति में सुधार लाकर मानवता को पुनः जीवित कर सकता है, ये विलक्षण प्रतिभा सनातन लोकतंत्र ही कर सकता है, भविष्य में कुशल राजनीति करने वालों को राष्ट्रीय जनादेश पोलिटिकल केरियर संस्था आमंत्रित करती है, आदर्शवादी राजनीति का अध्ययन करने के लिए एकमात्र समृद्ध संस्थान जो पूरे देश में और विश्व में अमन की, शान्ति की ,भाई चारे की,निडरता की, भारतीय राजनीतिक निपुण विरासत से मानवता को बचा सके
प्रिय मित्रों और साथियों,
सादर अभिनंदन,
राष्ट्रीय जनादेश पोलिटिकल Council की स्थापना के मूल उद्देश्य आदर्शवादी, राष्ट्रीय राजनीति के आदर्शवादी राजनीतिज्ञ तैयार करना है, जो उन्नत भारत, अग्रिम भारत के निर्माण में अपनी भूमिका को निभाकर राष्ट्रवाद के साथ साथ राष्ट्रप्रेम, राष्ट्रगौरव, और आदर्श राजनीति को अपने बिबेक, आचरण, और स्वभाव से देश और समाज के निर्माण में नैतिक जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुए भविष्य का सनातन लोकतंत्र के। मूल्यों को स्थापित कर उनका निर्वहन भी कर सके,
भारतीय लोकतंत्र ही दुनिया को लोकतंत्र का जनक कहते हैं, भारतीय लोकतंत्र के मूल्यों-मान्यताओं का इतिहास बहुत पुराना है, युगों से सनातन मैं आदर्शवादी राजनीतिज्ञ होते आ रहे हैं उनके आदर्शो और संस्कारों के साथ विशुद्ध आचरण और व्यवहार में एकरूपता ने भारतीय राजनीति को अमर जीवन दिया है, राष्ट्रीय जनादेश भी इन्हीं विचारों को लेकर कृत संकल्पित है, राष्ट्रीय जनादेश आदर्शवादी राजनीतिज्ञ तैयार करने जा रहा है, यही मूल उद्देश्य और भावना है, भविष्य में जो लोग अपना जीवन देश के लिए राजनीति के लिए समर्पित होंगे राष्ट्रीय जनादेश उनके निर्माण को विकसित करने मैं सेवाओं का सहयोग करेगा
सादर धन्यवाद🙏🇮🇳🙏
डॉ. टी.सी. व्यास
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
राष्ट्रीय जनादेश प्रमोशन काउंसिल


गंगा सहाय शर्मा
राष्ट्रीय सलाहकार
राष्ट्रीय जनादेश प्रमोशन काउंसिल
सभी साथियों एवं प्रबुद्धजनो को नमस्कार,
आज की सोच और दृष्टिकोण के आधार पर चिंतन करने पर इस सनातनी संस्कृति, प्रकृति, विचारधारा, सोच और कार्यप्रणाली में कुछ बदलाव और गिरावट के तत्वों का समावेश दिखाई दे रहा है। आज चारो ओर उस सनातनी संस्कृति की चर्चा क्यों की जाती है? क्योंकि उसमे वैचारिक शुद्धता, नैतिकता, मानवता, मूल्यों का महत्व, सार्वभौमिकता समानता, भ्रातृत्व व बंधुत्व एवं शुद्ध आचरण के तत्वों का भरमार समावेश था । परन्तु आज हमारा देश जिस दोराहे पर खडा है उससे लगता है कि कहीं ना कही हमने उन सनातनी तत्वों की अवहेलना कर अपने स्वार्थ को प्राथमिकता देना प्रारम्भ कर दिया है।
भारतवर्ष ने अपने कई सौ सदियों में अनेक झंझावतों को देखा व सहा और उससे उबरा भी, चाहे यहाँ आने वाले विदेशी आक्रांताओ ने इस को समाप्त करने का पुरजोर प्रयास किया हो, परन्तु यह सनातनी संस्कृति हिमालय की भाँति अटल, स्थिर होकर खडी रही । लेकिन आज के परिवेश में देखा जाए तो देश की राजनीति से उन तत्वों को बाहर निकाल फेंका, जो के मानव हित व कल्याण के लिए जरूरी थे। इसीलिए दोस्तो आइये, और सभी मिलकर इस वर्तमान की भारतीय
राजनीति में उन सनातनी कल्याणकारी तत्वों का समावेश कर वैदिककालीन मानवहित की अवधारणा को पुर्नस्थापित करें। राष्ट्रवाद का सच्चा स्वरूप राष्ट्र सेवा है, न जाति, न समुदाय, न क्षेत्र। सर्वोपरि है राष्ट्र धर्म का निर्वाह, तो फिर एक नैतिकता युक्त राजनीतिक मूल्यों को आगे बढाकर राष्ट्र उत्थान मे मदद करें।
डॉ. गंगा सहाय शर्मा
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